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चिराग पासवान हैं सबसे बड़े धोखेबाज, मेरी राजनीतिक बलि लेकर नीतीश से किया समझौता... अरुण कुमार का छलका दर्द, लोकसभा चुनाव पर बड़ा ऐलान

चिराग पासवान हैं सबसे बड़े धोखेबाज, मेरी राजनीतिक बलि लेकर नीतीश से किया समझौता... अरुण कुमार का छलका दर्द, लोकसभा चुनाव पर बड़ा ऐलान

पटना. चिराग पासवान सबसे बड़े धोखेबाज हैं. लोकसभा चुनाव में मेरे राजनीतिक हत्या की साजिश रची गई. नीतीश कुमार से समझौता करने के लिए मेरी बलि ली गई. लोजपा रामविलास प्रमुख चिराग पासवान पर यह गंभीर आरोप पूर्व सांसद अरुण कुमार ने लगाया है. उन्होंने लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने पर अपने ही दल के सबसे बड़े नेता के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. अरुण कुमार ने गुरुवार को कहा कि चिराग पासवान मुझे पिता तुल्य कहते थे. लेकिन उन्होंने मेरे साथ ही धोखा कर दिया. 

पिता-चाचा कहकर धोखा :  दरअसल, लोकसभा चुनाव को लेकर अरुण कुमार ने दावा किया कि उन्हें चिराग पासवान ने आश्वासन दिया था कि नवादा या जहानाबाद से उन्हें उम्मीदवार बनाया जाएगा. यहां तक कि अंतिम समय तक चिराग उन्हें भरोसा देते रहे कि उनकी राजनीतिक बलि लेकर नीतीश कुमार से समझौता नहीं करेंगे. लेकिन चिराग सबसे बड़े धोखेबाज निकले. अरुण ने कहा कि अपने 40 साल के राजनीतिक जीवन में उन्हें इससे बड़ा धोखा नहीं मिला. चिराग पासवान पर आगबबूला अरुण सिंह ने कहा कि जब पशुपति पारस ने चिराग को धोखा दिया तो उनके साथ खड़ा होने वाला कोई नहीं था. उस समय वे चिराग के साथ दूसरे चाचा बनकर खड़े रहे लेकिन भतीजा (चिराग) ऐसा मिला जिसने मुझे धोखा दे दिया. 

सब कहते थे धोखेबाज है चिराग : उन्होंने कहा कि चिराग जलता रहे इसके लिए उन्होंने लगातार उन्हें चमकाने का काम किया. यहां तक कि परिवार से मित्र-दोस्त तक यह कहते रहे कि चिराग धोखा देंगे. बावजूद इसके वे चिराग के साथ रहे लेकिन अंत में चिराग पासवान धोखेबाज निकले. उन्होंने भावुक होते हुए कहा कि 1993 में वे निर्दलीय एमएलसी के तौर पर निर्वाचित हुए. उस समय शायद चिराग का जन्म भी नहीं हुआ था. लेकिन अपने 40 साल के राजनीतिक जीवन में अपने राजनीतिक जीवन मैंने ऐसा करारा धोखा कभी नहीं खाया. 

लोकसभा चुनाव पर बड़ा ऐलान : अरुण सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार की पार्टी के संजय झा ने जब चिराग पासवान से मुलाकात की थी तब भी उन्होंने चिराग से पूछा था- कहीं मेरी बलि लेकर नीतीश कुमार से समझौता तो नहीं होगा. लेकिन चिराग ने इनकार किया. यहां तक कि जहानाबाद और नवादा में जन सम्पर्क करने से भी दो दिन तक रुकने बोला. अब वे नीतीश से समझौता कर बैठे. अरुण सिंह ने आक्रामक अंदाज में कहा कि नीतीश कुमार के एनडीए में आने के बाद से मैंने मुंह पर पट्टी बांध दिया था. मैं उनके लिए गुलदस्ता लेकर स्वागत में खड़ा नहीं रह सकता था. लेकिन चिराग ने मुझे धोखा देकर समझौता कर लिया. लोकसभा चुनाव लड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि फ़िलहाल उन्होंने इसे लेकर कोई फैसला नहीं किया है. अब यह फैसला जनता और समर्थकों पर छोड़ चुका हूँ. उनका जो निर्णय होगा, उस अनुरूप हम करेंगे. 


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