Bihar Vidhansabha Chunav 2025: मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव का विरोध, ' रोड नहीं तो वोट नहीं' के नारों के बीच गांव से लौटे मंत्री, वीडियो वायरल

राज्य सरकार के कद्दावर मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव को जनता के तीखे विरोध का सामना करना पड़ा। यह घटना सुपौल जिले के मरौना प्रखंड के कमरेल गांव में घटी, जहाँ मंत्री चुनावी दौरे पर पहुँचे थे।

Bihar Vidhansabha Chunav 2025: मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव क
मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव का विरोध- फोटो : social Media

Bihar Vidhansabha Chunav 2025: बिहार में विधानसभा चुनाव 2025 का माहौल गरमाने लगा है, और इसी बीच जेडीयू के वरिष्ठ नेता एवं राज्य सरकार के कद्दावर मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव को जनता के तीखे विरोध का सामना करना पड़ा। यह घटना सुपौल जिले के मरौना प्रखंड के कमरेल गांव में घटी, जहाँ मंत्री चुनावी दौरे पर पहुँचे थे।

जैसे ही मंत्री का काफिला गांव में पहुंचा, ग्रामीणों ने “रोड नहीं तो वोट नहीं” और “विकास के झूठे वादे अब नहीं चलेंगे” जैसे नारे लगाने शुरू कर दिए। विरोध बढ़ता देख मंत्री को कार्यक्रम रद्द करना पड़ा और काफिला वापस लौट गया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है, जिसे सैकड़ों लोगों ने शेयर करते हुए इसे “जनता की असली नाराज़गी” बताया।

ग्रामीणों का आरोप है कि वर्षों से सड़क और बुनियादी सुविधाओं का वादा किया जा रहा है, लेकिन अब तक कोई ठोस काम नहीं हुआ। कमरेल निवासी  ने कहा “हर चुनाव से पहले मंत्री जी आते हैं, वादा करते हैं, लेकिन चुनाव खत्म होते ही सब भूल जाते हैं। अब सब्र का बांध टूट गया है।”वहीं एक स्थानीय निवासी  ने बताया  “मंत्री के आने की खबर मिलते ही गांव की बैठक हुई और तय किया गया कि बिना काम के वोट नहीं दिया जाएगा। हमें भाषण नहीं, काम चाहिए।”

सूत्रों के अनुसार, जब मंत्री गांव पहुंचे तो ग्रामीणों ने काले झंडे दिखाए, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया। हालांकि प्रशासन की तत्परता से स्थिति नियंत्रण में रही और किसी तरह की हिंसा नहीं हुई।

विरोध का वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर राजनीतिक बहस छिड़ गई। कई यूज़र्स ने लिखा कि “अब जनता वादों से नहीं, काम से जवाब मांग रही है।” वहीं जेडीयू समर्थकों ने इसे विपक्ष की “राजनीतिक साज़िश” करार दिया। पार्टी नेताओं का कहना है कि मंत्री ने मरौना और आस-पास के इलाकों में कई विकास योजनाएं शुरू की हैं, जिनमें कुछ अभी प्रक्रिया में हैं।न्यूज4नेशन वीडियो की पुष्टि नहीं करता है।

मंत्री के करीबी सूत्रों ने भी इस घटना को विपक्ष द्वारा “भड़काया गया विरोध” बताया, लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि “अगर विकास सच में हुआ होता, तो सड़कें दलदल न होतीं और बच्चों को स्कूल जाने में दिक्कत न होती।”

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह घटना जेडीयू के लिए स्थानीय असंतोष का स्पष्ट संकेत है। बिजेंद्र प्रसाद यादव को सुपौल क्षेत्र में विश्वकर्मा समुदाय का प्रभावशाली नेता माना जाता है, और जनता की यह नाराज़गी पार्टी के लिए चुनावी चुनौती बन सकती है।