Bihar Teacher Reinstatement: टीआरई-4 की तैयारियों में तेज़ी, सभी डीइओ को अल्टीमेटम, शिक्षा विभाग ने इस मामले में कर दी कड़ी कार्रवाई!

बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित होने वाली टीआरई-4 शिक्षक नियुक्ति परीक्षा को लेकर तैयारी प्रशासनिक स्तर पर तेज़ हो गई है।

TRE 4 Prep Speeds Up Education Dept
टीआरई-4 की तैयारियों में तेज़ी- फोटो : meta

Bihar Teacher Reinstatement: बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित होने वाली टीआरई-4 शिक्षक नियुक्ति परीक्षा को लेकर तैयारी प्रशासनिक स्तर पर तेज़ हो गई है। शिक्षा विभाग को पटना, मुजफ्फरपुर, भागलपुर समेत 14 जिलों से स्कूलों में शिक्षकों के रिक्त पदों की विस्तृत जानकारी मिल चुकी है। जबकि शेष 24 जिलों के डीईओ (जिला शिक्षा पदाधिकारी) को मुख्यालय ने एक सप्ताह की अंतिम मोहलत देकर रिक्तियों का ब्योरा भेजने का सख्त निर्देश जारी किया है।

गुरुवार को शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. बी. राजेंद्र ने विभागीय समीक्षा बैठक की। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी 38 जिलों के शिक्षा अधिकारियों से सीधी बातचीत हुई।उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि टीआरई-4 की तैयारियों में किसी भी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं होगी। साथ ही शिक्षकों के समय पर वेतन भुगतान को शीर्ष प्राथमिकता देने का आदेश दिया गया है।

एसीएस ने बताया कि वित्तीय वर्ष समाप्ति नज़दीक है, लेकिन अब तक सिर्फ 28 जिलों ने ही उपयोगिता प्रमाणपत्र महालेखाकार कार्यालय में जमा किया है। नवादा, कैमूर, रोहतास और गोपालगंज अभी भी इसमें पिछड़ रहे हैं।इसके अलावा अक्टूबर माह का वेतन न मिलने की शिकायतों पर एसीएस ने जिलों से विस्तृत रिपोर्ट तलब करते हुए अगली बैठक में जिलावार लंबित वेतन वाले शिक्षकों की सूची प्रस्तुत करने को कहा है।

बैठक में अरवल, बेगूसराय, गोपालगंज, खगड़िया, मुजफ्फरपुर, शेखपुरा और सीवान जिलों द्वारा विशिष्ट शिक्षकों को एरियर भुगतान की सराहना की गई, जबकि शेष जिलों को सप्ताह अंत तक भुगतान निपटाने का निर्देश दिया गया।साथ ही डीईओ को प्रपत्र-क शीघ्र गठित करने के आदेश दिए गए।

पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के 527 लंबित मामलों के शीघ्र निपटारे का निर्देश दिया गया है, वहीं वर्ष 2024-25 के 4921 और 2025-26 के 4126 मामलों में भी तत्काल भुगतान सुनिश्चित करने को कहा गया है।कोर्ट केसों से जुड़े मामलों में विभाग ने अधिकारियों को फौरन कार्रवाई करने की हिदायत दी है।शिक्षा विभाग की इस समीक्षा बैठक का बड़ा संदेश साफ़ है कि भर्ती, वेतन, छात्रवृत्ति और प्रशासनिक प्रक्रियाओं में किसी भी तरह की देरी अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।