एयरपोर्ट से हुई गिरफ्तारी ने खोला बड़ा राज, शोहेल मिर्जा निकला फर्ज़ी CBI गैंग का मास्टरमाइंड, डायरेक्टर जनरल बनकर चल रहे ठगों का काला नेटवर्क बेनक़ाब

एयरपोर्ट कैंपस में रोजाना मंडराते दो संदिग्धों पर किसी की नज़र पड़ी। सूचना सीधी पुलिस तक पहुंची दो आदमी खुद को CBI अफसर बताते हैं, पल्सर बाइक पर केंद्रीय खुफिया ब्यूरो का स्टिकर चिपका है।...

 fake CBI DG
फर्ज़ी CBI गैंग का पर्दाफाश- फोटो : social Media

Patna Crime: पटना एयरपोर्ट की चुप्पी उस वक़्त टूट गई, जब शक की एक चिंगारी ने फर्जी CBI अधिकारी बन घूम रहे दो शातिरों का राज खोल दिया। शुक्रवार को एयरपोर्ट कैंपस में रोजाना मंडराते दो संदिग्धों पर किसी की नजर पड़ी। सूचना सीधी पुलिस तक पहुंची दो आदमी खुद को CBI अफसर बताते हैं, पल्सर बाइक पर केंद्रीय खुफिया ब्यूरो का स्टिकर चिपका है।

बस फिर क्या था… पुलिस ने दोनों को रोका, पूछताछ शुरू की, और चंद सवालों में ही दोनों ढीले पड़ गए। एयरपोर्ट थाना पहुंचने पर SDPO सचिवालय डॉ. अनु कुमारी की तफ्तीश में एक बड़े ठगी नेटवर्क का जिन्न बोतल से बाहर आ गया।

पकड़े गए आरोपियों की पहचान हिमांशु कुमार  और सत्यानंद कुमार  के रूप में हुई। पूछताछ में खुलासा हुआ कि दोनों लगभग डेढ़ साल पहले पश्चिम बंगाल के वर्द्धमान निवासी शोहेल मिर्ज़ा के संपर्क में आए जो इस पूरे गैंग का मास्टरमाइंड है। मिर्ज़ा का दायाँ हाथ सैयद ख़ालिद अहमद (सोनपुर) गैंग में नंबर दो की पोज़िशन पर है, और इसी के जरिए नेटवर्क को बिहार में फैला गया।

हिमांशु और सत्यानंद को गैंग में स्टेट डायरेक्टर जनरल और स्टेट डायरेक्टर जैसी नकली पदवी देकर बहलाया गया था। दोनों को पूरा टास्क, टारगेट और ऑपरेशन की ब्रीफिंग मिर्ज़ा और खालिद ही देते थे। फोन पर घंटों कॉल किसे पकड़ना है, कैसे डराना है, कितने पैसे निकलवा सकते हैं सबकी प्लानिंग ऐसे होती जैसे वाकई कोई ‘स्पेशल ऑपरेशन’ चल रहा हो।

गैंग के तरीके भी खतरनाक CBI जैसी हूबहू आईडी, वर्दी, स्टाइल, चाल-ढाल, सबकुछ कॉपी। इनका काम था नाम देखकर डराना, रौब दिखाकर पैसे ऐंठना, और फर्जी छापेमारी की धमकी देकर लोगों को जाल में फंसाना। गैंग बिहार में ही नहीं, ऑनलाइन ऑफलाइन दोनों मोड में एक्टिव था; कई टास्क बंगाल से भी आते थे।पुलिस ने दोनों के पास से फर्जी आईडी, कई दस्तावेज़ बरामद किए। पूछताछ में इन्होंने तीन अन्य साथियों शोहेल मिर्ज़ा, सैयद खालिद अहमद, और डीके वर्मा का नाम और नंबर पुलिस को सौंप दिया है।

अब उनकी गिरफ्तारी के लिए स्पेशल टीम बना दी गई है। पटना में फर्जी ‘CBI साहबों’ का यह काला खेल बताता है कि ठगी भी अब यूनिफॉर्म पहनकर आने लगी है।