Bihar Teacher Murder: सुपारी के खेल में गई शिक्षिका की जान, टारगेट पर कोई और था… सुपारी किलर मारूफ की मिस्टेक ने ली जान
Bihar Teacher Murder: अररिया की ख़ामोश फिज़ाओं को चीरते हुए जिस कातिलाना वारदात ने पूरे ज़िले को दहशत में डुबो दिया था, उसके पीछे की खूनखार साज़िश अब पुलिस की जांच में बेनक़ाब हो चुकी है।...
Bihar Teacher Murder: अररिया की ख़ामोश फिज़ाओं को चीरते हुए जिस कातिलाना वारदात ने पूरे ज़िले को दहशत में डुबो दिया था, उसके पीछे की खूनखार साज़िश अब पुलिस की जांच में बेनक़ाब हो चुकी है। शिक्षिका शिवानी वर्मा की दिनदहाड़े की गई गोलीकांड कोई अचानक भड़का झगड़ा नहीं, बल्कि सुपारी किलिंग का सोचा-समझा खेल था लेकिन इस खेल में कातिलों की पहचान की चूक ने एक मासूम की जान ले ली।
तीन दिसंबर को नरपतगंज थाने में दर्ज हुई FIR के बाद पुलिस ने मामला हल्के में नहीं लिया। SDPO फारबिसगंज के नेतृत्व में बनाई गई एसआईटी ने तकनीकी और वैज्ञानिक तफ्तीश से वह धागा पकड़ लिया, जिसने पूरी वारदात की काली तहें खोल दीं। जांच में सामने आया कि फारबिसगंज की हुशनन उर्फ़ हुश्न आरा, शक और गैरत के अंधे तूफ़ान में बहकर, अपने पति पर एक अन्य शिक्षिका के साथ अवैध रिश्ते का इल्ज़ाम लगाते हुए उस महिला की हत्या की सुपारी दे बैठी।
तीन लाख रुपये की डील पर मो. मारूफ और मो. सोहैल को क़त्ल का ठेका मिला। लेकिन उस मनहूस दिन असली शिक्षिका छुट्टी पर थी और उसकी स्कूटी व रास्ता, शिवानी वर्मा से हूबहू मिलता था। बदमाशों ने बिना तस्दीक़, गलत पहचान में शिवानी को ही निशाना समझकर गोलियों से भून दिया, और चंद सेकंड में मासूम ज़िंदगी का चराग़ बुझ गया।
पुलिस ने तेज़ रफ्तार कार्रवाई करते हुए मारूफ, सोहैल और साजिशकर्ता हुशनन आरा, तीनों को दबोच लिया। वारदात में इस्तेमाल बाइक और देसी कट्टा भी बरामद कर लिया गया है। यह पूरी घटना बता देती है कि सुपारी का खेल हमेशा कातिलों को ही नहीं, बेगुनाहों को भी निगल जाता है और गलत पहचान कभी-कभी ज़िंदगी भर का खून बन जाती है।