तेजस्वी यादव चुने गए बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष, राजद-कांग्रेस ने बैठककर नाम पर लगाई मुहर, साथ मिलकर बनाएंगे मजबूत विपक्ष
Bihar politics - बिहार चुनाव में मिली करारी हार के बाद पहली बार महागठबंधन के सभी पार्टियों की बैठक हुई। जिसमें चुनाव में हार के कारणों पर चर्चा की गई।
Patna - बिहार विधानसभा के आगामी सत्र और महागठबंधन की भावी रणनीति को लेकर राजद और कांग्रेस के नेताओं ने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है। महागठबंधन विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से तेजस्वी यादव को नेता चुना गया है।
कांग्रेस नेता समीर कुमार सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि बैठक में सभी घटक दलों ने एक साथ मिलकर चलने का निर्णय लिया है और तय किया गया है कि महागठबंधन एक रचनात्मक विपक्ष की भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव ने बेरोजगारी को लेकर जो घोषणा पत्र जारी किया था, उस मुद्दे पर और जनता की अन्य समस्याओं को लेकर सड़क से सदन तक संघर्ष किया जाएगा।

वहीं, आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र ने विधानसभा सत्र की रूपरेखा पर बात करते हुए बताया कि 1 तारीख को शपथ ग्रहण होगा और 2 तारीख को विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव किया जाएगा। इसके बाद महामहिम राज्यपाल का अभिभाषण होगा और विनियोग विधेयक लाया जाएगा। भाई वीरेंद्र ने स्पष्ट किया कि विपक्ष सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ अपनी आवाज उठाता रहेगा और जब तक सत्र चलेगा, वे सदन में मौजूद रहकर जनता के मुद्दों पर सरकार को घेरेंगे।

चुनाव परिणामों पर सवाल उठाते हुए दोनों नेताओं ने जनादेश के साथ 'खेला' होने का आरोप लगाया है। भाई वीरेंद्र ने कहा कि आज भी चौक-चौराहों पर चर्चा है कि वोट महागठबंधन को मिला, लेकिन परिणाम में गड़बड़ी की गई, जिसका जवाब समय आने पर दिया जाएगा।
वहीं, समीर कुमार सिंह ने सर्वे रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए कहा कि नीतीश कुमार को कम और तेजस्वी यादव को ज्यादा समर्थन मिलने का अनुमान था, लेकिन चुनाव आयोग और प्रशासन के 'मैनेजमेंट' के जरिए नतीजे बदल दिए गए। उन्होंने अपने साथियों से हताश न होने और एकजुट होकर लड़ने की अपील की।
कांग्रेस विधायकों के दिल्ली में होने और टूट की अफवाहों पर समीर कुमार सिंह ने विराम लगाया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि कुछ विधायकों को दिल्ली बुलाया गया था, जिनमें से दो वापस आ चुके हैं और चार अभी वहीं हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि विधायक भागने वाले नहीं हैं और महागठबंधन पूरी तरह एकजुट है। उन्होंने मीडिया के सामने हबीबुर्रहमान से बात कराने तक की पेशकश की और आश्वस्त किया कि किसी भी तरह की टूट की खबर निराधार है।
आगामी सत्र में संख्या बल को लेकर भाई वीरेंद्र ने कहा कि वे संख्या की लड़ाई नहीं लड़ रहे, बल्कि सिद्धांतों की लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार चाहे जो भी हो, विपक्ष जनहित के मुद्दों पर पीछे नहीं हटेगा। उधर, समीर कुमार सिंह ने भी कानून व्यवस्था और रोजगार के वादों पर सरकार की निगरानी करने की बात कही। उन्होंने कहा कि अगर एनडीए सरकार अपने वादे पूरे नहीं करती है, तो महागठबंधन जनता के बीच जाकर संघर्ष करेगा।