Bihar Land Registry News Rule: बिहार में जमीन रजिस्ट्री में जालसाजी, दलाली और कागजी खेल पर नकेल, अगर आप जमीन खरीदना या बेचना चाहते हैं तो जान लीजिए नया नियम, अब ऐसे होगा दाखिल खारिज
Bihar Land Registry New Rule: बिहार सरकार ने संपत्ति निबंधन व्यवस्था को बेहतर, पारदर्शी और भ्रष्टाचार-मुक्त बनाने के लिए बड़ा प्रशासनिक कदम उठाया है।
Bihar Land Registry New Rule: बिहार सरकार ने संपत्ति निबंधन व्यवस्था को बेहतर, पारदर्शी और भ्रष्टाचार-मुक्त बनाने के लिए बड़ा प्रशासनिक कदम उठाया है। मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग वित्तीय वर्ष 2025-26 में पूरे राज्य में पेपरलेस रजिस्ट्री प्रणाली लागू करने की तैयारी में है। इसके लिए नई बिहार निबंधन नियमावली 2025 का मसौदा तैयार किया जा रहा है, जिसे इसी वर्ष लागू करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। यह कदम न केवल व्यवस्था को आधुनिक बनाएगा बल्कि वर्षों से चली आ रही काग़ज़ी हेराफेरी, दलाली और फर्जीवाड़े पर भी तीर-सा वार करेगा।
नई व्यवस्था लागू होने के बाद जनता को निबंधन कार्यालयों के चक्कर लगाने, फाइलों में खो जाने या कागज़ों के फेर में फंसने से मुक्ति मिलेगी। विभाग का स्पष्ट उद्देश्य है एक ऐसी मजबूत प्रशासनिक प्रणाली तैयार करना जो पूरे राज्य के कार्यालयों में बिना किसी अड़चन के लागू हो सके। इसके लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित की गई है, जिसकी अध्यक्षता मगध प्रमंडल, गया के सहायक निबंधन महानिरीक्षक कर रहे हैं।
विभाग ने अनुभवी, सेवानिवृत्त अधिकारियों को भी कंसलटेंट के रूप में जोड़ा है, ताकि दशकों का उनका अनुभव इस नई प्रणाली को और अधिक कारगर बना सके। राज्य के सभी सहायक निबंधन महानिरीक्षकों से भी प्रारूप पर सुझाव व राय मांगी गई है, ताकि नियमावली जमीन पर उतरने योग्य और व्यवहारिक हो।
पेपरलेस या ई-निबंधन लागू होने के बाद पूरी प्रक्रिया डिजिटल हो जाएगी। इसमें कई कड़े प्रशासनिक प्रावधान शामिल किए जाएंगे जिनका मुख्य उद्देश्य है—जालसाज़ी पर लोहे की पकड़ बनाना। खरीददार और विक्रेता दोनों के लिए आधार आधारित बायोमेट्रिक सत्यापन अनिवार्य कर दिया गया है। इससे फर्जी पहचान पर आधारित रजिस्ट्री फर्जीवाड़ा लगभग समाप्त हो चुका है और आगे पूरी तरह खत्म हो जाएगा।
अब पारंपरिक हस्ताक्षर की जगह बायोमेट्रिक निशान ही डिजिटल सिग्नेचर माना जाएगा। सभी दस्तावेज़ डिजिटल रूप में अपलोड होंगे, जिससे कागज़ी फाइलों में हेराफेरी की गुंजाइश मिट जाएगी।
स्टाम्प ड्यूटी और निबंधन शुल्क का भुगतान सिर्फ ऑनलाइन माध्यमोंनेट बैंकिंग, UPI, कार्ड से होगा। नकद भुगतान पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा, जिससे काले धन की घुसपैठ पर भी रोक लगेगी।
प्रक्रिया पूरी होते ही संपत्ति का कानूनी डिजिटल प्रमाणपत्र तुरंत उपलब्ध होगा, जो हमेशा ऑनलाइन सुरक्षित रहेगा। न कागज़ खोने का डर, न फाइलों से छेड़छाड़ की गुंजाइश यह व्यवस्था बिहार में संपत्ति निबंधन को नई, भरोसेमंद और तकनीकी मिसाल में बदल देगी।