बिहटा -औरंगाबाद रेल लाइन को लेकर संघर्ष समिति के कार्यकर्ताओं ने शुरू किया आमरण अनशन, केंद्र सरकार पर उपेक्षा का लगाया आरोप

PATNA : केंद्र सरकार द्वारा 16 वर्षो से प्रस्तावित और उसकी उपेक्षापूर्ण रवैए के कारण खटाई में अटकी पड़ी हुई 115 किलोमीटर की बिहटा -औरंगाबाद रेलवे लाइन परियोजना अभी तक धरातल पर नहीं उतर पाई है. इसको यथाशीघ्र शुरू करने के लिए पटना जिला के पालीगंज अनुमंडल मुख्यालय बाजार स्थित बिहटा मोड़ के पास पर आज से अनिश्चितकालीन आमरण अनशन एवं धरने पर बिहटा -औरंगाबाद रेलवे लाइन संघर्ष समिति संयोजक चंदन वर्मा के नेतृत्व में संघर्ष समिति के दर्जनों कार्यकर्ता बैठे हुए है.
जानकारी के अनुसार बीते दो दशकों से प्रस्तावित पटना -अरवल -औरंगाबाद जिले को जोड़ने वाले अति महत्वाकांक्षी यह परियोजना केंद्र सरकार के ढुलमुल और उपेक्षात्मक रवैए की वजह से आज तक खटाई में पड़ी हुई अपने शुरुआत की आस लगाए बैठी हुई है. इसको शुरू करने के लिए समय समय पर बिहटा -औरंगाबाद रेलवे लाइन परियोजना को शुरू करने के लिए बनी संघर्ष समिति, पाली,बिहटा,अरवल, औरंगाबाद, हाजीपुर से लेकर दिल्ली के जंतर मंत्र तक आंदोलन छेड़ रखी है. लेकिन केंद्र सरकार के कानो तक जु नहीं रेंग रही है. उलटे इस परियोजना को डेड यानि मृत घोषित कर दिया गया. हर साल केंद्र सरकार अपनी बजट में एक झुनझुना थमाते हुए बच्चो की तरह तसल्ली देने के नाम पर कुछ रकम 25 करोड़ के आसपास देकर इसे जिन्दा रखती है. ताकि लोग मुगालते में पड़े रहे की अब रेललाइन शुरू होने वाली है.
बिहटा -औरंगाबाद रेलवे लाइन परियोजना शुरू करने के लिए बनी संघर्ष समिति के संयोजक चंदन कुमार वर्मा कहते हैं कि हम लोग इसके लिए लगातार कई वर्ष से संघर्ष करते हुए चले आ रहे हैं. लेकिन केंद्र सरकार के कानो में जु तक नहीं रेंग रही है. एक तरफ केंद्र सरकार विकास के दावे लाख करती हुई आघाती नहीं है. लेकिन दूसरी तरफ क्या कारण है कि केंद्र सरकार द्वारा ही स्वीकृत यह परियोजना जो कि पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे तात्कालिक केंद्रीय रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव ने इसकी विधिवत शिलान्यास किया था. लेकिन उनके कार्यकाल के बाद केंद्र सरकार की तीन कार्यकाल बीत गई. जिसमें एक यूपीए की मनमोहन सिंह सरकार की थी, और दो वर्तमान की भाजपा और NDA की सरकार की प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की कार्यकाल खत्म होने को है. फिर भी यह परियोजना खटाई में लटकी हुई है. अपनी शुरुआत की आस लगाए वर्षों से बैठी हुई. इस क्षेत्र की तीन जिलों के लगभग 25 लाख से अधिक आबादी को लाभान्वित करने वाली यह वर्षो से बहुप्रतिक्षित अति महत्वाकांक्षी योजना कब शुरू होगी. कुछ कहा नहीं जा सकता, दिन प्रतिदिन इस परियोजना की लागत बढ़ती जा रही है. जैसे-जैसे समय बीतेगी वैसे-वैसे यह परियोजना और महंगी होती जाएगी, लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिर केंद्र सरकार इसको अपेक्षित क्यों रखे हुए हैं. जबकि लगातार इस क्षेत्र के पटना के पाटलिपुत्र, जहानाबाद और औरंगाबाद जैसे तीन संसदीय क्षेत्र को NDA के सांसद प्रतिनिधि करते हुए संसद में आवाज उठाते रहे खुद की सरकार जो है वह सुनने को तैयार में नहीं? ज़ब बजट के समय आता है तब खूब हो हल्ला होता है फिर उसके बाद कुम्भ कर्णी नींद में इस क्षेत्र जन प्रतिनिधियों सो जाते है.
उल्लेखनीय है कि बिहटा -औरंगाबाद रेलवे लाइन परियोजना की शिलान्यास 16अक्टूबर 2007 में तत्कालीन केंद्रीय रेल मंत्री रहे लालू प्रसाद यादव ने पालीगंज में एक कार्यक्रम आयोजित कर इसकी विधिवत शिलान्यास बड़े ही तामझाम के साथ किया था. उसमें बड़े पैमाने पर केंद्रीय मंत्रियों, राज्य सरकार के मंत्रियों एवं सांसद और विधायक से लेकर सैंकड़ो की संख्या में भारी भरकम गन्य मान्य अतिथियों ने शिरकत किया था. यह परियोजना की उस समय लागत राशि लगभग 350 करोड़ की प्रस्तावित राशि थी. जोकि इसकी लागत अब दस गुना से बढ़कर 4 हजार करोड़ की अनुमानित प्रस्तावित राशि हो चुकी है.
वही बिहटा -औरंगाबाद रेलवे लाइन परियोजना संघर्ष समिति के संयोजक चंदन वर्मा के नेतृत्व में उस अनिश्चित कालीन आमरण अनशन आयोजित की जा रही है, चंदन वर्मा ने केंद्र सरकार से अपनी मुख्य मांगो को पूरा करने मांग करते कहा कि बिहटा -औरंगाबाद रेल लाइन परियोजना को निर्माण कार्य यथाशीघ्र शुरू किया जाए, इसके लिए भूमि अधिग्रहण की कार्य में तेजी लाया जाए और 2023 के बजट में इस योजना की राशि को बड़े पैमाने पर मंजूर किया जाए. ताकि यह परियोजना यथाशीघ्र शुरू करने के लिए निर्माण कार्य में तेजी लाया जा सके. इस अनिश्चित कालीन आमरण अनशन पर बिहटा -औरंगाबाद रेल परियोजना के संघर्ष समिति के संयोजक चंदन कुमार वर्मा के समाजिक कार्यकर्ता जय कुमार,रिचा झा,महाबलीपुर मुखिया निकेश कुमार, कटका -पैगंबरपुर मुखिया राज वर्धन शर्मा,पालीगंज वार्ड पार्षद विकास कुमार, कामेश्वर यादव, आनंद कुमार यादव,अभिषेक कुमार समेत दर्जनों लोग शामिल है. वही आज इसके पहले दिन बड़े पैमाने पर औरंगाबाद, अरवल, और पटना जिले के सैकड़ो समाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ताओ ने इस अनिश्चित कालीन आमरण अनशन में शामिल होकर जोरदार समर्थन दिया. यह अनशन दिन रात 24 घंटो चलते रहेगा.
पालीगंज से अमलेश की रिपोर्ट