बिहार पुलिस के कार्यवाहक डीजीपी रहे आलोक राज हुए सेवानिवृत्त, 36 वर्षों की सेवा के बाद हुई विदाई
अगस्त 2024 में आलोक राज को बिहार का कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया था। उनके बाद विनय कुमार बिहार पुलिस के डीजीपी बनाए गए।
Alok Raj : बिहार पुलिस के कार्यवाहक महानिदेशक (डीजीपी) रह चुकेआलोक राज, भा.पु.से. (1989 बैच) बुधवार 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त हो गए। इस अवसर पर बिहार के डीजीपी विनय कुमार ने उन्हें पारंपरिक रूप से विदाई दी। अगस्त 2024 में आलोक राज को बिहार का कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया था। उनके बाद विनय कुमार बिहार पुलिस के डीजीपी बनाए गए।
सेवानिवृत्ति के मौके पर आलोक राज ने अपने संबोधन में कहा कि 36 वर्ष 4 महीने की सेवा के दौरान उन्होंने बिहार पुलिस के बदलते स्वरूप को बेहद करीब से देखा है। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने सेवा की शुरुआत की थी, तब बिहार पुलिस के पास सीमित संसाधन थे, जबकि आज यह आधुनिक तकनीक, श्रेष्ठ प्रशिक्षण और उन्नत हथियारों से सुसज्जित एक वैज्ञानिक और पेशेवर पुलिस बल बन चुकी है। उन्होंने बिहार पुलिस को देश के श्रेष्ठ पुलिस तंत्रों में से एक बताया।
शैक्षणिक और पारिवारिक पृष्ठभूमि
आलोक राज का गृह जिला मुजफ्फरपुर (बिहार) है। उनके पिता का नाम श्री परमेश्वर प्रसाद और माता का नाम स्वर्गीय प्रो. कृष्णा वाला है। वे पटना विश्वविद्यालय से भूगर्भशास्त्र में एमएससी के गोल्ड मेडलिस्ट रहे हैं। वर्ष 1989 में भारतीय पुलिस सेवा में चयन के बाद उन्होंने सहायक पुलिस अधीक्षक, पटना सिटी के रूप में अपने कैरियर की शुरुआत की।
कई जिलों और केंद्रीय बल में निभाई अहम भूमिका
अपने पुलिस कैरियर के दौरान आलोक राज पुलिस अधीक्षक के रूप में रांची, गुमला, पश्चिमी सिंहभूम, देवघर, हजारीबाग, सीतामढ़ी और बेगूसराय में पदस्थापित रहे। वर्ष 2004 से 2011 तक उन्होंने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) में सेवा दी। इस दौरान उन्हें चार बार महानिदेशक, सीआरपीएफ के प्रशंसा डिस्क से सम्मानित किया गया।
बिहार लौटने के बाद उन्होंने अपर पुलिस महानिदेशक (विधि-व्यवस्था), अपर पुलिस महानिदेशक (विशेष शाखा), अपर पुलिस महानिदेशक (अपराध अनुसंधान विभाग), महानिदेशक (प्रशिक्षण), महानिदेशक (बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस), अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक (बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम) और महानिदेशक (निगरानी अन्वेषण ब्यूरो) जैसे कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया।
वीरता और विशिष्ट सेवा के लिए कई सम्मान
आलोक राज को उनके उत्कृष्ट पुलिस कैरियर के लिए तीन बार महामहिम राष्ट्रपति द्वारा पदक से सम्मानित किया गया। उन्हें वर्ष 1994 में पुलिस वीरता पदक, वर्ष 2008 में सराहनीय सेवा पदक और वर्ष 2016 में विशिष्ट सेवा पदक प्रदान किया गया। वर्ष 2019 में उन्हें उत्कृष्ट पुलिस कार्यों के लिए अटल रत्न सम्मान से भी नवाजा गया।
कैरियर के शुरुआती दौर में पटना सिटी में सहायक पुलिस अधीक्षक के रूप में कार्य करते हुए चार कुख्यात अपराधियों को मुठभेड़ में मार गिराने के लिए उन्हें पुलिस वीरता पदक मिला। पश्चिमी सिंहभूम में वन माफिया के खिलाफ कार्रवाई और हजारीबाग में कोयला माफिया व नक्सलियों के विरुद्ध प्रभावी अभियानों के लिए वे काफी चर्चित रहे। सीआरपीएफ में रहते हुए उन्होंने झारखंड और पश्चिम बंगाल में नक्सल विरोधी अभियानों का सफल नेतृत्व किया। नंदीग्राम (पश्चिम बंगाल) में विधि-व्यवस्था बहाल करने के लिए उनके कार्यों की देशभर में सराहना हुई।
अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षण भी प्राप्त
आलोक राज का चयन संयुक्त राष्ट्र संघ की शांति सेना के प्रशिक्षण के लिए हुआ था। उन्होंने इटली में संयुक्त राष्ट्र संघ शांति सेना का उच्च स्तरीय प्रशिक्षण प्राप्त किया। 36 वर्षों से अधिक के अपने सेवाकाल के बाद आलोक राज एक ऐसे अधिकारी के रूप में सेवानिवृत्त हुए, जिन्होंने बिहार पुलिस और केंद्रीय बलों में रहते हुए कानून-व्यवस्था, नक्सल विरोधी अभियानों और पुलिस सुधारों में महत्वपूर्ण योगदान दिया।