bihar Election 2025 - इलेक्शन कमीशन की बड़ी तैयारी, बिहार विधानसभा चुनाव सहित इन राज्यों में उप चुनाव के लिए 320 आईएएस और 60 आईपीएस की नियुक्ति

bihar Election 2025 - बिहार चुनाव के लिए इलेक्शन कमीशन ने 250 से ज्यादा आईएएस और 50 के करीब आईपीएस को पर्यवेक्षक नियुक्त किया है।

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Bihar Election - बिहार विधानसबा चुनाव की तारीखों की घोषणा कभी भी की जा सकती  है। जहां सभी राजनीतिक  दल सीटों के   बंटवारे से लेकर कैंडिडेट के  चयन में लगे हैं।  वहीं दूसरी तरफ चुनाव आयोग भी अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटी है। 

चुनाव आयोग (ईसीआई) ने बिहार विधानसभा चुनाव और कई राज्यों में होने वाले उपचुनावों की निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए 470 केंद्रीय पर्यवेक्षकों की नियुक्ति का बड़ा फैसला लिया है। आयोग ने विभिन्न राज्यों में कार्यरत इन अधिकारियों को सामान्य, पुलिस और व्यय (Expenditure) पर्यवेक्षकों के रूप में तैनात करने का निर्णय लिया है। यह व्यापक तैनाती चुनावी प्रक्रिया की सूक्ष्म निगरानी और पारदर्शिता बनाए रखने के ईसीआई के संकल्प को दर्शाती है।

सेवा-वार वितरण: कौन कर रहा है निगरानी

नियुक्त किए गए कुल 470 अधिकारियों में 320 अधिकारी भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) से हैं, जो चुनाव के सामान्य प्रबंधन और आचार संहिता अनुपालन की निगरानी करेंगे। सुरक्षा और कानून व्यवस्था की देखरेख के लिए 60 भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारियों को पुलिस पर्यवेक्षक के रूप में तैनात किया गया है। शेष 90 अधिकारी भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) तथा आईआरएएस (IRAS), आईसीएएस (ICAS) जैसी अन्य सेवाओं से हैं, जो चुनाव व्यय पर कड़ी नजर रखेंगे।

किन-किन राज्यों में होगी तैनाती

ये केंद्रीय पर्यवेक्षक मुख्य रूप से बिहार में होने वाले विधानसभा आम चुनाव की निगरानी करेंगे। इसके अतिरिक्त, उन्हें देश के सात अन्य राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में होने वाले महत्वपूर्ण उपचुनावों के लिए भी नियुक्त किया गया है। इन राज्यों में जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, झारखंड, तेलंगाना, पंजाब, मिजोरम और ओडिशा शामिल हैं।

विशिष्ट उपचुनाव निर्वाचन क्षेत्र

उपचुनावों के लिए विशेष रूप से निम्नलिखित निर्वाचन क्षेत्रों में पर्यवेक्षकों की तैनाती की जा रही है: जम्मू-कश्मीर (बडगाम एवं नगरोटा), राजस्थान (अन्ता), झारखंड (घाटसिला), तेलंगाना (जुबली हिल्स), पंजाब (तारण-तारन), मिजोरम (डम्पा) और ओडिशा (नुआपाड़ा)। इन संवेदनशील और महत्वपूर्ण निर्वाचन क्षेत्रों में पर्यवेक्षकों की मौजूदगी निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण होगी।

कानूनी आधार और अधिकार क्षेत्र

चुनाव आयोग ने यह स्पष्ट किया है कि पर्यवेक्षकों की तैनाती संविधान के अनुच्छेद 324 और प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 20बी के तहत प्राप्त शक्तियों के तहत की गई है। ये पर्यवेक्षक चुनाव प्रक्रिया के दौरान आयोग के प्रतिनिधि के रूप में कार्य करते हैं और इनकी नियुक्ति से लेकर चुनाव पूरा होने तक ये पूरी तरह से आयोग की देखरेख, नियंत्रण और अनुशासन के अधीन कार्य करते हैं।

इस कदम से स्पष्ट है कि चुनाव आयोग एक निष्पक्ष, भयमुक्त और पारदर्शी चुनावी माहौल बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता। केंद्रीय पर्यवेक्षकों की यह विशाल टीम चुनाव के हर पहलू—सामान्य संचालन से लेकर सुरक्षा और वित्तपोषण तक—पर कड़ी निगरानी रखेगी, ताकि सभी चुनावों को सफलतापूर्वक संपन्न कराया जा सके।