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दिल्ली एनसीआर के स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी का सच आया सामने, आतंकी कनेक्शन का खुलासा, तीन विदेशी सर्वर की जानकारी के लिए इंटरपोल से मांगी गई मदद

दिल्ली एनसीआर के स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी का सच आया सामने, आतंकी कनेक्शन का खुलासा, तीन विदेशी सर्वर की जानकारी के लिए इंटरपोल से मांगी गई मदद

नई दिल्लीः एनसीआर के करीब 100 बड़े स्कूलों को बुधवार सुबह किसी ने ईमेल पर बम से उड़ाने की धमकी दी थी, मेल पर यहां तक कहा था कि बम फिट कर दिये गए हैं. तुरंत आनन फानन में स्कूल खाली करवाए. वहीं प्रशासन का अमला भी इस अफवाह से एक्शन में आया और जिन स्कूलों को धमकी मिली थी. वहां बम निरोधक दस्ता पहुंचाया, जांच में पता चला कि स्कूलों में बम नहीं थे. ये अफवाह पूरी तरह से फर्जी निकली. दिल्ली पुलिस के साथ-साथ स्पेशल सेल और सीबीआई भी जांच में जुटी है. इस मामले में तीन विदेशी सर्वर की जानकारी के लिए इंटरपोल से भी मदद मांगी गई है. इसके अलावा दिल्ली पुलिस ने होम मिनिस्ट्री से अप्रोच करके कोर्ट के माध्यम से रूस को लेटर रोगेटरी भी भेजने की तैयारी कर रही है.

जांच में सामने आई है कि इस ईमेल के तार तीन विदेशी सर्वर तीन वेबसाइट और तीन चैट एप पर पहुंच गई है. पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जो ईमेल अलग-अलग स्कूलों की मेल आईडी पर भेजा गया था उस ईमेल की भाषा आतंकी संगठन आई एस द्वारा चलाई जाने वाली वेबसाइट पर लिखे गए भाषा से मिलता है.

दिल्ली पुलिस के साथ-साथ अब स्पेशल सेल और सीबीआई भी जांच कर रही है. वहीं, जांच एजेंसियां इंटरपोल से भी लगातार संपर्क में है. इस मामले में ईमेल जिस आईडी से भेजा गया था उसका आईपी ऐड्रेस बताने के लिए इंटरपोल की मदद ली जा रही है ताकि पता लग सके की तीन विदेशी सर्वर कौन-कौन से हैं.

ईमेल जिस आईपी एड्रेस से भेजा जाता है उसे छुपाने के लिए वीपीएन कनेक्शन का इस्तेमाल किया जाता है ताकि असली आईपी ऐड्रेस जांच में पता ना चल सकेय यह भी जानकारी सामने आई है कि अगर इस मामले में ईमेल भेजने वाले ने डार्क वेब का इस्तेमाल किया है. डार्क वेब एक ऐसी प्रक्रिया है जिसका इस्तेमाल आतंकी संगठन या ठगी करने वाले इस्तेमाल करते हैं और जांच एजेंसी के लिए भी डार्क वेब के माध्यम से भेजे गए ईमेल का आईपी एड्रेस पता लगाना किसी चुनौती से कम नहीं होगा, हालांकि ईमेल भेजने वाले मामले में पुलिस ने अलग-अलग धाराओं में कई फिर दर्ज कर ली थी और आगे की जांच प्रक्रिया जारी है. जानकारी के अनुसार इस मामले में जांच एजेंसी गृह मंत्रालय से निवेदन कर कोर्ट के माध्यम से रूस को लेटर रोगेटरी भी भेजने की तैयारी कर रहा है ताकि रूसी सर्वर की पूरी जानकारी मिल सके. 


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