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आठ साल बाद पुलिस ने क्लोज किया रोहित बेमूला सुसाइड केस, रिपोर्ट में बताई असली वजह, स्मृति ईरानी सहित कई भाजपा नेताओ की भूमिका को लेकर कही यह बात

आठ साल बाद पुलिस ने क्लोज किया रोहित बेमूला सुसाइड केस, रिपोर्ट में बताई असली वजह, स्मृति ईरानी सहित कई भाजपा नेताओ की भूमिका को लेकर कही यह बात

DESK : आठ साल पहले 2016 में हैदराबाद के चर्चित रोहित बेमूला आत्महत्या केस मामले में पुलिस ने तेलंगाना हाईकोर्ट में अपनी क्लोजर रिपोर्ट पेश कर दी  है। रिपोर्ट में न सिर्फ रोहित बेमूला के आत्महत्या के असली वजहों को बताया है। बल्कि इस केस में सिकंदराबाद के तत्कालीन सांसद बंगारू दत्तात्रेय और स्मृति ईरानी सहित दूसरे भाजपा नेताओं को भी बड़ी राहत दी है। बता दें कि रोहित वेमुला की आत्महत्या से मौत के कारण विश्वविद्यालयों में दलितों के खिलाफ भेदभाव को लेकर देशव्यापी विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया था>

दलित नहीं था रोहित बेमूला, पहचान उजागर नहीं होने के डर से दी जान

मामले की जांच बंद करते हुए पुलिस की तरफ से तेलंगाना हाईकोर्ट में यह दावा किया गया है कि रोहित को यह पता था कि वह दलित नहीं था और जाति की पहचान उजागर होने के डर से उसने आत्‍महत्‍या कर ली थी। उसने खुद को अनुसूचित जाति वर्ग से संबंधित नहीं बताया था। पुलिस ने अपनी जांच में पाया है कि रोहित वेमुला को डर था कि उनकी जाति की सच्चाई बाहर आ जाएगी, क्योंकि वो अनुसूचित जाति से नहीं आते थे. पुलिस ने अपनी इस रिपोर्ट को तेलंगाना हाई कोर्ट को सौंपा है और कहा है कि रोहित को पता था कि उनकी मां ने उन्हें अनसूचित जाति का सर्टिफिकेट दिलवाया था।

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि, रोहित वेमुला इसी सर्टिफिकेट के जरिए अपनी एकेडिमिक उपलब्धियां हासिल की थीं और लगातार आगे बढ़ रहे थे. पुलिस के मुताबिक, रोहित वेमुला को डर था कि अगर उनकी जाति की सच्चाई बाहर आ गई तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है. पुलिस के मुताबिक, रोहित वेमुला को लगातार यह डर सता रहा था।

भाजपा के दिग्गज नेताओं को मिली राहत

इस हाईप्रोफाइल केस में खूब राजनीति भी हुई थी। उस समय केंद्र में मानव संसाधन मंत्री के रूप में स्मृति ईरानी थी। ऐसे में उन पर भी छीटें लगे थे। इसके अलावा तबके सिकंदराबाद के सांसद बंडारू दत्तात्रेय, विधान परिषद के सदस्य एन रामचंदर राव, कुलपति अप्पा राव, एबीवीपी नेताओं का नाम भी सामने आया था। लेकिन तेलंगाना पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट के बाद इस सभी नेताओं को भी निर्दोष साबित कर दिया है।

इन नेताओं को मिली क्लीनचिट

पुलिस की ओर से दाखिल की गई क्लोजर रिपोर्ट तबके सिकंदराबाद के सांसद बंडारू दत्तात्रेय, विधान परिषद के सदस्य एन रामचंदर राव, कुलपति अप्पा राव, एबीवीपी नेताओं और महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी सहित कई प्रमुख राजनीतिक हस्तियों को निर्दोष भी साबित करती है।

क्या था रोहित वेमुला का मामला?

17 जनवरी 2016 को रोहित वेमुला ने हैदराबाद यूनिवर्सिटी में अपने हॉस्टल के कमरे में आत्महत्या कर ली थी. इस आत्महत्या के बाद देशभर के विश्वविद्यालयों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे. रोहित वेमुला आंबेडकर स्टूडेंट्स एसोसिएशन नाम के संगठन के सदस्य थे. वो हैदराबाद विश्वविद्यालय के उन पांच छात्रों में शामिल थे, जिन्हें हॉस्टल से निकाल दिया गया था. रोहित सहित इन पांच छात्रों पर साल 2015 में आरोप लगा था कि उन्होंने ABVP के सदस्य पर हमला किया था. यूनिवर्सिटी ने अपनी प्रारंभिक जांच में पांचों छात्रों को क्लीन चिट दे दी थी, लेकिन बाद में अपने फैसले को पलट दिया था.

BJP ने कही ये बात

क्लोजर रिपोर्ट सामने आने के बाद बीजेपी की प्रवक्ता रचना रेड्डी ने कहा कि, तेलंगाना के गृह विभाग ने 2016 के विवादास्पद रोहित वेमुला आत्महत्या और आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में क्लोजर रिपोर्ट पेश की है. इस मामले की जांच में प्रमुख नेताओं समेत भाजपा नेताओं को आरोपी बनाया गया था. हालांकि, पुलिस ने मार्च में एक विस्तृत क्लोजर रिपोर्ट दायर की जिसमें बताया गया कि एससी-एसटी अत्याचार अधिनियम (एससी और एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम) का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है।

  


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