NEW DELHI : सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाने को लेकर आज बड़ा निर्णय लिया गया है। अब बार एसोसिएशन के एक तिहाई (33 फीसदी) पदों पर महिला आरक्षण लागू होगा। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने बीडी कौशिक के मामले में कोर्ट के पुराने फैसले को स्पष्ट करते हुए ये निर्देश दिए हैं.
बेंच के निर्देश के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के ट्रेजरी यानी कोषाध्यक्ष का पद महिला के लिए आरक्षित रहेगा. इसके अलावा एससीबीए के पदाधिकारियों अध्यक्ष और सचिव पद महिलाओं के लिए आरक्षित रहेगा। वहीं सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन में सीनियर एडवोकेट्स के लिए बनी सीनियर कार्यकारिणी के छह सदस्यों में से दो और सामान्य कार्यकारिणी के नौ सदस्यों में से तीन सदस्य के पद महिलाओं के लिए आरक्षित होंगे। इस आदेश का परिपालन पहली बार 16 मई को होने वाले सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के चुनाव में होगा. इन चुनाव के नतीजे 18 मई (रविवार) को आएंगे।
एसोसिएशन के सदस्य फीस को लेकर नहीं हो सका फैसला
कोर्ट ने कहा कि उम्मीदवारों की योग्यता और शर्तों में आवश्यक बदलाव व सुधार की बाबत आठ प्रस्ताव आए लेकिन वो नाकाम हो गए. इनके अलावा एसोसिएशन का सदस्य बनने के लिए फीस और चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार की जमानत राशि को लेकर भी लाए गए प्रस्ताव 30 अप्रैल को आयोजित स्पेशल जनरल बॉडी मीटिंग में गिर गए.
ऐसे में कोर्ट ने महसूस किया कि नियम, योग्यता, शर्तों और फीस को लेकर निर्णय लेने को जरूरत है. क्योंकि इन चीजों को दशकों तक लटकाए नहीं रखा जा सकता. समय रहते सुधार और बदलाव जरूरी हैं.
कोर्ट ने कहा कि SCBA इस बाबत अपनी वेबसाइट या अन्य तरीकों से सदस्यों से 19 जुलाई तक सुझाव मंगाए। यानी सुझाव 19 जुलाई तक भेजे जा सकते हैं। इसके बाद आम वकीलों से मिलने वाले ये सुझाव बार एसोसिएशन डिजिटल या प्रिंटेड फॉर्मेट में संकलित कर कोर्ट को दें।